सिगरेट चुराने के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद 19 साल के एक कैदी की मौत हो गई है।
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जेल में हुई मौत के बाद पिता ने बुधवार को आरोप लगाया कि बेटे की जेल में हत्या की गई है। आरोपी के पिता ने मांग की है कि उनके बेटे की मौत के मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जांच कराई जाए। बहरहाल, जेल प्राधिकारियों ने कहा है कि ‘मौत की वजहें प्राकृतिक प्रतीत होती हैं।’
रिक्शा चालक मोहम्मद याकूब ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस ने उसके बेटे जीशान को ‘एक दुकान से सिगरेट का एक पैकेट चुराने के’ आरोप में में गिरफ्तार किया था। याकूब ने कहा, ‘वह तीन महीने से तिहाड़ जेल में बंद था। इस बीच हम जीशान से दो बार मिले, लेकिन उसने हमें कुछ नहीं बताया। हमें 15 फरवरी को एक फोन पर बताया गया कि ”आपके बेटे की हालत गंभीर है।’ हम जब अस्पताल पहुंचे, तो हमने जीशान को मृत पाया। उसकी (जेल में) हत्या की गई। हम सीबीआई जांच की मांग करते हैं। मेरे बेटे को न्याय मिलना चाहिए।’
उसने एक बयान में कहा, ‘जीशान के माता-पिता को हरि नगर पुलिस थाने से 15 फरवरी को किए गए फोन पर बताया गया कि उनके बेटे का स्वास्थ्य खराब है और उसे डीडीयू (दीन दयाल उपाध्याय) अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’ संगठन ने कहा, ‘उन्हें अस्पताल पहुंचने पर बताया गया कि उनके बेटे की मौत हो गई है और उन्हें उसका शव दिखाया गया। शव पर चोट के गंभीर निशान थे, जिनसे पता चलता है कि वह बीमार नहीं था, बल्कि उसे बुरी तरह पीटा गया था।’
‘जन हस्तक्षेप’ ने अपने बयान में यह भी मांग की कि सेंट्रल जेल संख्या पांच के जेल अधीक्षक को उसकी निगरानी में कैदी की सुरक्षा करने में ‘विफल’ रहने के लिए तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की निगरानी में मामले में तुरंत जांच शुरू की जानी चाहिए।
इस बीच, एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने बताया कि जीशान को पिछले साल 19 नवंबर को सेंट्रल जेल संख्या पांच में रखा गया था। उसने सीने में दर्द, सिरदर्द, शरीर में खुजली और आंखों के सामने अंधेरा छाने की शिकायत की थी, जिसके बाद उसे 12 फरवरी को डीडीयू अस्पताल में ले जाया गया था।
अधिकारी ने बताया कि डीडीयू में उसके अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे की रिपोर्ट ‘सामान्य’ आई थी और उसे दवाइयां देकर जेल वापस भेज दिया गया था। उन्होंने बताया कि 14 फरवरी को सीने में दर्द और शरीर पर दाग पड़ने की शिकायत के बाद उसे जेल के चिकित्सकीय कक्ष में भेजा गया था, जहां से उसे फिर से डीडीयू अस्पताल ले जाया गया।