नोकिया वार्षिक मोबाइल ब्रॉडबैंड सूचकांक रिपोर्ट 2022 में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में साल दर साल 53 प्रतिशत की वृद्धि दर से भारत विश्व में सबसे अधिक डेटा उपयोग करने वाले देशों में से एक बन गया है। डेटा उपयोगकर्ताओं की बढ़ती संख्या और प्रति उपयोगकर्ता उपभोग से इस देश को डिजिटल इंडिया का विजन साकार करने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिल रही है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2021 में डेटा ट्रैफिक 31 प्रतिशत तक बढ़ा जिसमें औसत मोबाइल डेटा खपत प्रति यूजर 17 जीबी प्रति माह पहुंच गया।
4जी सामर्थ्य वाले उपकरणों के बढ़ने से 4जी उपभोक्ताओं और डेटा की खपत में वृद्धि को बल मिल रहा है। भारत में 2021 में तीन करोड़ 5जी उपकरणों सहित 16 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन की बिक्री दर्ज की गई है जो अबतक की सबसे अधिक बिक्री है। 4जी वाले एक्टिव उपकरण 80 प्रतिशत से अधिक हैं, जबकि 5जी वाले उपकरणों की संख्या एक करोड़ के स्तर पार की गई है।
5जी से राजस्व 164 फीसदी बढ़ेगा
रिपोर्ट का अनुमान है कि 5जी सेवाओं से राजस्व पांच वर्षों में 164 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। यह 5जी के वैश्विक उपभोग के मुताबिक है। इस प्रौद्योगिकी के 2030 तक एक प्रतिशत तक की वैश्विक जीडीपी या राजस्व में एक लाख 30 हजार लाख करोड़ डॉलर का योगदान करने की संभावना है और यह स्वास्थ्य, जनोपयोगी सेवाओं, अगली पीढ़ी के मीडिया एप्लीकेशंस, विनिर्माण और स्मार्टसिटी सहित विभन्नि क्षेत्रों में उपयोग के अनूठे मामलों से संचालित होगा।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में डिजिटल विज्ञापन बाजार में शार्ट वीडियो सेगमेंट 20 प्रतिशत योगदान कर सकता है और इसके 2030 के अंत तक 25-30 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। भारतीय जेन जेड प्रतिदिन ऑनलाइन पर औसतन आठ घंटे खर्च करता है। भारत में 90 प्रतिशत इंटरनेट यूजर अपनी स्थानीय भाषा में कंटेंट का उपभोग करना पसंद करता है। भारत में 5 जी उपयोग के मामलों में नवप्रवर्तन, डिजिटलीकरण का दबदबा होगा और मोबाइल ब्रॉडबैंड की पैठ 80 प्रतिशत पहुंचने का अनुमान है जिसमें औसत उपयोग 40 जीबी हो सकता है।