नई दिल्ली। यदि सब कुछ नीति आयोग के हिसाब से हुआ तो पांच लाख से ज्यादा आबादी वाले देश के सभी शहरों में अगले तीन वर्षों के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैट्री स्वैपिंग की सुविधा उपलब्ध होगी। यह सुविधा अभी सिर्फ दोपहिया और तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ही होगी। नीति आयोग ने गुरुवार को देश में बैट्री स्वैपिंग सुविधा यानी पुरानी बैट्री को देकर चार्ज हुई बैट्री लेने की व्यवस्था की नीति से जुड़े ड्राफ्ट को जारी किया है।
यह नीति देश में बिना बैट्री वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की राह खोलेगी, क्योंकि लोग अब बैट्री स्वैपिंग के तहत अपने दोपहिया-तिपहिया वाहनों के लिए बैट्री ले सकेंगे। इस लिहाज से यह देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने में क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। आम बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैट्री स्वैपिंग नीति की घोषणा की थी। इसी को नीति आयोग ने आगे बढ़ाया है।
वाहनों में आग लगना बड़ी समस्या
नीति आयोग की यह ड्राफ्ट नीति तब आई है, जब हाल के दिनों में देश के कई हिस्सों में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने से इनकी सुरक्षा को लेकर काफी चिंता का माहौल है। केंद्र सरकार की तरफ से अलग-अलग कंपनियों के दोपहिया वाहनों में आग लगने की घटनाओं की जांच कराई जा रही है।
स्थापित करनी होगी व्यवस्था
बहरहाल, नीति में कहा गया है कि 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में एक से दो वर्षों के भीतर ही बैट्री स्वैपिंग की व्यवस्था स्थापित करनी होगी। यह पहला चरण होगा। दूसरा चरण दो से तीन वर्षों में लागू होगा और इसमें पांच लाख से ज्यादा आबादी वाले सभी शहरों को शामिल किया जाएगा।
बैट्री स्वैपिंग की नीति
केंद्र व राज्यों के ऊपर छोड़ा गया है कि वो चाहें तो अतिरिक्त प्रोत्साहन नीति लागू कर सकते हैं या अतिरिक्त सब्सिडी के बारे में फैसला कर सकते हैं। केंद्र सरकार की एजेंसी ब्यूरो आफ एनर्जी इफिसिएंसी (बीईई) को बैट्री स्वैपिंग की नीति को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। राज्य सरकारें अपनी नोडल एजेंसी तय करेंगी।
सुविधाजनक बनानी होगी प्रक्रिया
आयोग ने ड्राफ्ट नीति में कहा है कि ट्रांसपोर्ट विभाग या राज्यों के ट्रांसपोर्ट प्राधिकरणों को बगैर बैट्री के बेचे जाने वाले वाहनों या बैट्री स्वैपिंग सुविधा के तहत खरीदे जाने वाले वाहनों के पंजीकरण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना होगा। म्यूनिसिपल कार्पोरेशन को बैट्री स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए आवश्यक जमीन को उपलब्ध कराने या दूसरी स्वीकृतियों के लिए अधिकृत किया गया है।
प्रोत्साहन संबंधी फैसले के निर्देश
पावर कनेक्शन से संबंधित नीतियां बनाने की जिम्मेदारी ऊर्जा विभाग व बिजली वितरण कंपनियों की होगी जबकि राज्यों की बिजली नियामक एजेंसियों को छूट पर बिजली शुल्क तय करने व दूसरे प्रोत्साहन संबंधी फैसले लेने को कहा गया है। ड्राफ्ट नीति में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति या निकाय कहीं भी तकनीकी, सुरक्षा व प्रदर्शन संबंधी शर्तों को पूरा करने पर बैट्री स्वैपिंग सुविधा लगा सकता है।
बैट्री स्वैपिंग पर जोर
इसके अलावा कुछ अधिकृत कंपनियों को बैट्री स्वैपिंग स्टेशन लगाने की अनुमति दी जा सकती है। बैट्री स्वैपिंग की व्यवस्था बहुत ही सीमित जगह में स्थापित की जा सकती है। इसलिए, नीति में इन्हें सार्वजनिक स्थलों, पार्किंग क्षेत्र, किराना दुकान, माल, पेट्रोल पंप या किसी भी दूसरे स्थानों पर स्थापित करने की छूट दी जा सकती है।