नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अपने प्रतिस्पर्धियों को टक्कर देने और ईवी सेगमेंट में अग्रणी बनने के लिए भारत में कई इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल पेश करेगी। नए प्रबंध निदेशक और सीईओ हिसाशी टेकुची ने एक बयान में कहा कि आने वाले समय में मारुति सुजुकी ईवी सेगमेंट में भी देश की एक नंबर कंपनी बनेगी।
मारुति सुजुकी के नए प्रबंध निदेशक और सीईओ हम भारतीय बाजार में (ईवी) मॉडल पेश करने में अपने प्रतिस्पर्धियों से थोड़ा पीछे हैं, लेकिन हम देखते हैं कि अभी भी उन ईवी की बाजार में मांग सीमित है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री अभी भी बहुत सीमित है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि हम ईवी के बारे में कुछ नहीं कर रहे हैं। हमने अपने मौजूदा मॉडलों का उपयोग करते हुए उनमें बैटरियों और मोटरों को फिट कर ईवी पर व्यापक परीक्षण कर रहे हैं। हम भारतीय परिवेश में कई कारों के साथ एक साल से अधिक समय से यह परीक्षण कर रहे हैं, ताकि हमें यकीन हो कि हमारी ईवी तकनीक पर्यावरण में अच्छी होगी, जो भारत में बहुत कठिन है।
टेकुची इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या मारुति सुजुकी इंडिया ने टाटा मोटर्स जैसे प्रतियोगियों को ईवी सेगमेंट में पहला प्रस्तावक लाभ दिया है। FADA के अनुसार, टाटा मोटर्स ने 2021-22 में इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में 15,198 यूनिट्स की रिटेल बिक्री की है। साथ ही वर्टिकली 85.37 फीसदी मार्केट शेयर के साथ नेतृत्व किया है। पिछले वित्त वर्ष में कुल इलेक्ट्रिक पैसेंजर वाहन की रिटेल बिक्री 17,802 थी, जो वित्त वर्ष 2011 में 4,984 इकाइयों से तीन गुना अधिक थी।
सरकार 2030 तक निजी कारों के लिए ईवी की बिक्री को 30 प्रतिशत तक बढ़ाने पर जोर दे रही है। उद्योग के विशेषज्ञों का हवाला देते हुए टेकुची ने कहा कि 2030 तक ईवी की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत हो सकती है। उन्होंने कहा कि ईवी क्षेत्र में भी हम भारतीय ऑटोमोटिव क्षेत्र में नंबर एक और अग्रणी बनना चाहते हैं। इसके लिए हम परीक्षण कर रहे हैं। 2025 तक हम (एक ईवी) पेश करेंगे।