दीपेन्द्र ने कहा, ‘ग्राहकों की तरफ अपने जरूरतों की पूर्ति के लिए तेजी जवाब मांगा जा रहा है। ग्राहक इंतजार नहीं करने चाहते हैं।’ गोयल आगे कहते हैं, ‘जोमैटो के द्वारा औसतन डिलीवरी की टाइमिंग 30 मिनट है जोकि काफी धीमा है।’
10 मिनट के लक्ष्य को हासिल करने पर दीपेन्द्र गोयल कहते हैं कि हर एक स्टेशन पर मांग की भविष्यवाणी और हाइपरलोकल वरीयता के आधार पर अलग-अलग रेस्तरां में 20 से 30 बेस्ट सेलर आइटम की लिस्ट होगी। हमारे पास 1.35 अरब डिलीवरी का अनुभव है जो इस काम को सरल बना देगा।
दीपेन्द्र ने कहा कि इस नई सर्विस को लेकर डिलीवरी पार्टनर्स पर कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा। और ना ही हम देर से डिलीवरी करने वाले लोगों को दंडित करेंगे। साथ ही समय से प्रोडक्ट डिलीवर करने पर कोई तोहफा भी कंपनी की तरफ से नहीं दिया जाएगा। दीपेन्द्र के अनुसार डिलीवर पार्टनर्स को पहले से तय किए गए समय की जानकारी नहीं होगी। डिश लेवल डिमांड प्रेडिक्शन एल्गोरिदम और अन्य सुविधाओं की मदद के जरिए ग्राहकों ताजा और गर्म खाना पहुंचाया जाएगा। बता दें, अभी यह सर्विस गुरूग्राम में शुरू होगी। जहां इसे पायलट प्रोजेक्ट के और पर स्टार्ट किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर हो रही है आलोचना
जोमैटो की 10 मिनट सर्विस की सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है। जिसके बाद जोमैटो के फाउंडर दीपेन्द्र गोयल ने इस सर्विस की पूरी प्रक्रिया को समझाया। उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि जोमैटो के डिलीवरी पार्टनर्स को सड़क सुरक्षा के बारे शिक्षा देना जारी रखते हैं। साथ दुर्घटना और जीवन बीमा भी दिया जाता है।